क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आपका नाम जो अभी है, वह नहीं कुछ और होना चाहिये था, या आपको अपना नाम स्वयं चुनने का मौका मिलता तो आप अपना नाम यह तो कतई न रखते जोे अभी है, या आप शादी के बाद अपना सरनेम दस्तावेजों में चेंज कराना चाहते हैं, या आधार कार्ड में नाम में संशोधन के लिये ‘भारत का राजपत्र‘(Gazette of India) मांगा जा रहा है, लेकिन आपको पता नहीं है कि ऐसा कैसे होगा, तो आप सही जगह पर आये हैं। भारतवर्ष में किसी भी व्यक्ति द्वारा अपना नाम कैसे परिवर्तित या संशोधित किया जाये, इस मुश्किल का आसान और मुकम्मल हल हम आपको बताने वाले हैं।
क्यों पड़ती है नाम बदलने या संशोधन करने की ज़रूरत
नाम बदलने या संशोधन की जरूरत अक्सर कुछ खास मौकों पर ही पड़ती है, जैसे -
- आधार कार्ड(Adhar Card) में नाम में कुछ त्रुटियाॅं होने पर भारत के राजपत्र में नाम संशोधन कराने की आवश्यकता पड़ती है।
- विवाह उपरांत अक्सर पत्नियों द्वारा अपना पूर्व सरनेम(Surname) हटाकर पति का सरनेम लगाने के लिये नाम संशोधन की आवश्यकता पड़ती है।
- कई बार नाम का उच्चारण अशोभनीय प्रतीत होने पर नाम बदलने की आवश्यकता पड़ती है।
- न्यूमेरोलाॅजी तथा ज्योतिष शास्त्र की सलाह के अनुसार लोग स्वयं का नाम बदलना पसन्द करते हैं।
- शैक्षिक कारणों से नाबालिग बच्चों के नाम संशोधित या परिवर्तित करने की आवश्यकता पड़ती है।
कहाॅं करना होता है आवेदन
‘भारत के राजपत्र‘ में नाम प्रकाशित कराने के लिये भारत सरकार के प्रकाशन विभाग में ‘आफलाइन आवेदन‘ करना होता है। आवेदन फार्म ‘भारत सरकार का प्रकाशन विभाग‘ की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदन फार्म के साथ आवश्यकतानुसार एफीडेविट/डीड भी तैयार करनी होती है, जिस पर प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की मोहर व दस्तखत होने चाहिये। वेबसाइट से ही डाउनलोड किये गये ‘स्पेसीमेन फाॅरमेट‘ की प्रति तैयार कर एम0एस0 वर्ड फार्मेट में सीडी में बर्न करके आवेदन पत्र के साथ प्रेषित करना होता है।
साथ ही नाम परिवर्तित करने या संशोधित करने की सूचना अंग्रेजी अखबार तथा स्थानीय भाषा के एक अखबार अर्थात 2 अखबारों में प्रकाशित कराना एवं उनकी 1-1 प्रति आवेदनपत्र के साथ प्रकाशन विभाग में जमा करना अनिवार्य है।
नाम परिवर्तित या संशोधित होने में कितना समय लगता
प्रकाशन विभाग में आवेदन पत्र जमा करने के बाद सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने में करीब 3 सप्ताह का समय लगता है।
आवेदन में त्रुटि पाये जाने पर क्या होगा?
अक्सर प्रकाशन विभाग(Publication division of India) में जमा होने वाले आवेदनों में तात्विक त्रुटियाॅं पाई जाती हैं, ऐसा होने पर उक्त आवेदन को प्रकाशन विभाग में रोक दिया जाता है। प्रायः 3 सप्ताह से ज्यादा का समय बीतने पर भी प्रकाशन न होने पर आवेदक को प्रकाशन विभाग नई दिल्ली को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सम्पर्क करना चाहिये, और आवेदन में पाई गई त्रुटियों को दुरूस्त करना चाहिये। ऐसा किये जाने पर आवेदन आने वाले समय पर आवश्य प्रकाशित कर दिया जाता है।
सरकारी कर्मचारियों के लिये विशेष क्या !
सरकारी कर्मचारियों को प्रकाशन विभाग द्वारा दिये गये डीड को तैयार कराना होता है, जबकि सामान्य लोगों के लिये ऐसा नहीं है, वहीं सरकारी कर्मचारियों को ‘स्पेशीमेन फार्मेट‘ तैयार कराते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
क्या एन0आर0आई0 भी अपना नाम परिवर्तित या संशोधित करवा सकते हैं-
हाॅं, एन0आर0आई0 भी अपना नाम परिवर्तित या संशोधित करा सकते हैं, एन0आर0आई0 नागरिकों को नाम में परिवर्तन के लिये सामान्य नागरिकों से अतिरिक्त शुल्क अदा करना होता है।
क्या नाम संशोधित या परिवर्तित कराने के लिये कोई फीस देनी होती है?
जी हाॅं, निर्धारित शुल्क को bharatkosh.gov.in के जरिये अदा करना होता है, और शुल्क की रसीद को आवेदनपत्र के साथ संलग्न कर जमा करना होता है।
कहाॅं छपता है, परिवर्तित या संशोधित नाम !
परिवर्तित या संशोधित नाम प्रत्येक शनिवार को भारत सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा केवल आनलाइन प्रकाशित किये जाने वाले ‘भारत के राजपत्र‘ के पार्ट- 4 में छपता है। पार्ट-4 के उस पेज को प्रिंट निकाल कर अपेक्षित ढंग से प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें परिवर्तित नाम छपा हो।
कैसे निकालें भारत के राजपत्र का पार्ट - 4
STEPS TO SEARCH GAZETTE in
STEP 1- SEARCH GAZETTE
STEP-2- SEARCH CATEGORY-WEEKLY GAZETTE
STEP-3 IN SELECT PART AND SECTION-PART IV
STEP-4- IN 1ST CALENDER (DATES OF SATURDAY) TO 2ND CALENDER (DATES OF SATURDAY)
STEP-5- DOWNLOAD THE REQUISITE PDF FILE.
STEP-6-USE CONTROL KEY+F KEY TO FIND YOUR NAME (OLD /NEW).
STEP-7- DOWNLOAD THE WHOLE GAZETTE TO MAKE YOUR OWN COPY. THIS FURTHER NEEDS NO CERTIFICATION FROM THE DEPARTMENT.
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